लेखक का काम करना गेंदबाज़ के काम करने से थोड़ा ज़्यादा कठिन है, क्योंकि लेखक को नतीजा तुरंत नहीं मिलता, बरसों लग जाते हैं, जबकि गेंदबाज़ अगले कुछ मिनटों में जान लेता है कि कितना परसेंट डिलीवर हुआ.
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लेखक का काम करना गेंदबाज़ के काम करने से थोड़ा ज़्यादा कठिन है, क्योंकि लेखक को नतीजा तुरंत नहीं मिलता, बरसों लग जाते हैं, जबकि गेंदबाज़ अगले कुछ मिनटों में जान लेता है कि कितना परसेंट डिलीवर हुआ.
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लेखक का काम करना गेंदबाज़ के काम करने से थोड़ा ज़्यादा कठिन है, क् योंकि लेखक को नतीजा तुरंत नहीं मिलता, बरसों लग जाते हैं, जबकि गेंदबाज़ अगले कुछ मिनटों में जान लेता है कि कितना परसेंट डिलीवर हु आ.